हमारी स्त्रोतस श्रंखला के पिछले अंक में हमने प्राणवह, अन्नवह व उदकवह स्त्रोतस के मूल, व्याधियां एवं उनमे प्रयोग किये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण औषध योगों का उल्लेख किया था।
हमारे इस अंक में हम रसवह स्त्रोतस के मूल, व्याधियों एवं उपयोग में लाये जाने वाले औषध योगों का वर्णन करने जा रहे है।
"रसवहे द्वे, तयोर्मूलं हृदयं रसवाहीन्यश्च धमन्यः।"
(सु. शा.९)
मूल:-
- हॄदय- रसवाही धमनी
रसवह स्त्रोतस से संबंधित कुछ व्याधियां :-
1. ज्वर
2. त्वक विकार आदि।
रसवह स्त्रोतस की चिकित्सा में प्रयोग किये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण औषध योग :-
रसवह स्त्रोतस की चिकित्सा में प्रयोग किये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण औषध योग :-
1. अरिष्ट:-
अमृतारिष्ट (भै. र. - ज्वराधिकार)
देवदार्वारिष्ट (भै. र. - प्रमेहाधिकार)
द्राक्षारिष्ट (शा. सं. - मध्यमखण्ड)
खदिरारिष्ट (शा. सं. - मध्यमखण्ड)
अमृत भल्लातक लेह्य (अष्टांग हॄदय - उत्तर स्थान)
2. क्वाथ:-
भूनिम्बादी क्वाथ (भै. र. - ज्वराधिकार)
महामंजिष्ठादी क्वाथ (शा. सं. - मध्यम खंड)
गोक्षुरादि क्वाथ (सिद्ध योग - शोफ)
इंदुकान्त कषाय (सिद्ध योग - ज्वर, गुल्म, शूल)
जीवंत्यादी कषाय (सिद्ध योग - कषाय योग प्रकरण)
निम्बादी कषाय (चक्रदत्त - ज्वर चिकित्सा)
पथ्यादि कषाय (शा. सं. - कफवात ज्वर, पार्श्वशूल)
सहचरादि कषाय (अष्टांग हॄदय - ज्वर)
3. गुग्गुलु:-
कैशोर गुग्गुल (रस तरंगिणी- कुष्ठ, वातरक्त)
कांचनार गुग्गुल (शा. सं. - गुल्म, गण्डमाला, अपची)
पुनर्नवादि गुग्गुल (भै. र.- शोफरोगाधिकार)
4.घृत:-
महातिक्तक घृत ( भै. र. - कुष्ठ रोगाधिकार)
पंचतिक्त घृत (भै. र. - कुष्ठ रोगाधिकार)
5. चूर्ण:-
निम्बादी चूर्ण (भै. र. - उदर, आमवात)
पथ्यादि चूर्ण (अष्टांग हॄदय - सर्वांग शोथ, पाण्डु)
सुदर्शन चूर्ण (भै. र.- ज्वराधिकार)
वैश्वानर चूर्ण (चक्रदत - आमवात)
अमृतारिष्ट (भै. र. - ज्वराधिकार)
देवदार्वारिष्ट (भै. र. - प्रमेहाधिकार)
द्राक्षारिष्ट (शा. सं. - मध्यमखण्ड)
खदिरारिष्ट (शा. सं. - मध्यमखण्ड)
अमृत भल्लातक लेह्य (अष्टांग हॄदय - उत्तर स्थान)
2. क्वाथ:-
भूनिम्बादी क्वाथ (भै. र. - ज्वराधिकार)
महामंजिष्ठादी क्वाथ (शा. सं. - मध्यम खंड)
गोक्षुरादि क्वाथ (सिद्ध योग - शोफ)
इंदुकान्त कषाय (सिद्ध योग - ज्वर, गुल्म, शूल)
जीवंत्यादी कषाय (सिद्ध योग - कषाय योग प्रकरण)
निम्बादी कषाय (चक्रदत्त - ज्वर चिकित्सा)
पथ्यादि कषाय (शा. सं. - कफवात ज्वर, पार्श्वशूल)
सहचरादि कषाय (अष्टांग हॄदय - ज्वर)
3. गुग्गुलु:-
कैशोर गुग्गुल (रस तरंगिणी- कुष्ठ, वातरक्त)
कांचनार गुग्गुल (शा. सं. - गुल्म, गण्डमाला, अपची)
पुनर्नवादि गुग्गुल (भै. र.- शोफरोगाधिकार)
4.घृत:-
महातिक्तक घृत ( भै. र. - कुष्ठ रोगाधिकार)
पंचतिक्त घृत (भै. र. - कुष्ठ रोगाधिकार)
5. चूर्ण:-
निम्बादी चूर्ण (भै. र. - उदर, आमवात)
पथ्यादि चूर्ण (अष्टांग हॄदय - सर्वांग शोथ, पाण्डु)
सुदर्शन चूर्ण (भै. र.- ज्वराधिकार)
वैश्वानर चूर्ण (चक्रदत - आमवात)
6. तैल:-
असन ऐलादी तैल (सिद्ध योग- त्वकरोग, शिरोरोग)
चंदनादि तैल (योगरत्नाकर - दाह, प्रलेपक ज्वर)
चन्दनबला लाक्षादि तैल (योगरत्नाकर- ज्वराधिकार)
दुर्वादी तैल (सिद्ध योग - कंडु)
ऐलादी तैल (सिद्ध योग - विष, कंडु, कोठ, पिड़िका)
मधुयष्टयादि तैल (अष्टांग हॄदय - पित्तज दाह, ज्वर)
मरिचाद्य तैल (शा. सं. - दद्रु, श्वित्र, कुष्ठ)
महामरीच्यादी तैल (भै. र.- कुष्ठ, व्रण, पामा)
निम्बादी तैल (अष्टांग हॄदय - त्वकरोग, व्रण, कुष्ठ)
7. लेप:-
अवल्गुजादी लेप (अष्टांग हॄदय - श्वित्र, वर्ण विकृति)
दशांग लेप (भै. र. - विसर्प रोगाधिकार, ज्वर, शोथ)
8. वटी/गुटिका:-
महाज्वरांकुश गुटिका (सिद्ध योग- ज्वर)
शिवा गुटिका (योगरत्नाकर- ज्वर, कुष्ठ, पाण्डु)
संशमनी वटी (सिद्ध योग संग्रह- ज्वर)
आरोग्यवर्धिनी वटी (र. र. स. - विसर्पादि चिकित्सा)
गुडूची सत्व (योगरत्नाकर- विषम ज्वर)
9. भस्म:-
गोदन्ती भस्म (रस तरंगिणी- पित्त ज्वर, जीर्ण ज्वर)
हरताल भस्म (आयुर्वेद प्रकाश- उदर, पाण्डु, विसर्प)
मुक्ताशुक्ति भस्म (आयुर्वेद प्रकाश - ज्वर, उदरशूल)
मुक्ता भस्म (आयुर्वेद सार संग्रह - जीर्ण व पित्त ज्वर)
रजत भस्म (रस तंत्र सार - ज्वर, पित्त रोग)
10. रस औषधि:-
वृहत कस्तूरी भैरव रस ( भै. र. - ज्वराधिकार)
हेमाभ्रक सिंदूर रस (योगरत्नाकर- क्षय रोग, कुष्ठ)
हिंगुलेश्वर रस ( भै. र.- ज्वराधिकार)
जयमंगल रस (भै. र.- ज्वराधिकार)
ज्वरांकुश रस (भै. र.- ज्वराधिकार)
महाज्वरान्तक रस (भै. र.- सर्व ज्वर)
मृत्युंजय रस (भै. र.- ज्वराधिकार)
तालकेश्वर रस (भै. र.- कुष्ठ रोगाधिकार)
त्रिभुवनकीर्ति रस (रसामृत - वात कफ ज्वर)
लघुमालिनी वसंत रस ( योगरत्नाकर - ज्वराधिकार)
विषम ज्वरान्तक लौह (र. र. स.- ज्वराधिकार)
चंदनादि लौह (भै. र. - ज्वराधिकार)
सर्व ज्वरहर लौह( भै. र- ज्वराधिकार) आदि।
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