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"Classical Index of Medicines which is used in Diseases related to Raktavaha Strotas"

Ayurinformatics की स्त्रोतस श्रृंखला में हमने अब तक प्राणवह, उदकवह, अन्नवह एवं रसवह स्त्रोतस से संबंधित विभिन्न व्याधियों की चिकित्सा में उपयोग किये जाने वाले योगों का वर्णन कर दिया है। 

उदकवह एवं अन्नवह स्त्रोतस के अंक के लिए क्लिक करें

स्त्रोतस की श्रृंखला के इस अंक में हम रक्तवह स्त्रोतस के मूल, व्याधियों एवं चिकित्सा में लाये जाने वाले कई औषध योगों का वर्णन करने जा रहे है। 

रसवह स्त्रोतस के अंक के लिए क्लिक करे

रक्तवह स्त्रोतस के मूल:-
"शोणितवहानां स्त्रोतसाम यकृन्मूलं प्लीहा च।"
                                               (च. वि. ५)
" रक्तवहे द्वे, तयोर्मूलं यकृत प्लीहानौ रक्तवाहीनयश्च धमनयः।"
                                                           (सु. शा. ९)
रक्तवह स्त्रोतस से संबंधित कुछ व्याधियां:-
  • पाण्डु
  • कामला
  • यकृत प्लीहा विकार
  • रक्तपित्त आदि।
रक्तवह स्त्रोतस की व्याधियों में प्रयोग किये जाने वाले कुछ प्रमुख औषध योग:-
आसव :- 
द्राक्षासव (भै. र. - अर्श रोगाधिकार)
लौहासव (शा. सं. - पाण्डु)
पुनर्नवासव (भै. र. - उदर, पाण्डु, शोथ)
उशीरासव (भै. र.- रक्तपित्ताधिकार)

अवलेह :-
दाडिमावलेह (योगरत्नाकर - रक्तपित, पित्तविकार)
द्राक्षावलेह (अष्टांग हॄदय - पाण्डु, कामला)
कुटजावलेह (शा. सं- रक्तपित, ग्रहणी, प्रवाहिका)
वासावलेह (भै. र.- राजयक्ष्मा, रक्तपित)

क्वाथ :-
पटोलादि क्वाथ (अ. हॄ. - कामला, अरोचक, छर्दी)
फलत्रिकादि क्वाथ (शा. सं.- यकृत प्लीहा रोग)
वासागुडुच्यादी क्वाथ (अ. हृ. - पाण्डु, रक्तपित्त)

घृत :-
दाड़िमादी घृत (अ. हृ.- प्लीहा रोग, पाण्डु, गुल्म)
धानवन्तर घृत (अ. हृ.- पाण्डु, शोफ, अर्श)
धात्र्यादि घृत (सिद्ध योग- रक्तपित, पित्तज पाण्डु)
सुकुमार घृत (सिद्ध योग- प्लीहा रोग, गुल्म, शोफ)

तैल :-
बलाधात्र्यादि तैल (प्लीहा रोग, दाह)
गंधर्व हस्तादी तैल (अ. सं. - प्लीहा, गुल्म, शोफ)

गुटिका / वटी :-
एलादि गुटिका (भै. र. - रक्तपित्ताधिकार)
मंडूर वटक (अ. हृ. - पाण्डु, शोथ)
सारिवादी वटी (आ. सा. सं. - रक्तपित, क्षय, कर्ण रोग)
शूल वज्रिणी वटी (भै. र. - प्लीहा रोग, पाण्डु, शूल)

पर्पटी :-
बोल पर्पटी (योगरत्नाकर- रक्तपित, रक्त प्रदर)
लौह पर्पटी ( सिद्ध योग संग्रह - पाण्डु, अतिसार)
अकीक पिष्टि (आ. सा. सं. - रक्तपित, यकृत प्लीहा रोग)
मुक्ता पिष्टि (आ. सा. सं.- रक्तपित, रक्तातीसार)

भस्म :-
अभ्रक भस्म (आयुर्वेद प्रकाश- रक्तपित, पाण्डु, कास)
अकीक भस्म (आ. सा. सं.- रक्तप्रदर, रक्तपित, हॄद दौर्बल्यता)
कांत भस्म (रस तंत्र सार - कामला, पाण्डु, क्षय)
कासीस भस्म (रसामृत - पाण्डु, प्लीहारोग, व्रण)
लौह भस्म (आयुर्वेद प्रकाश - कामला, पाण्डु, प्लीहा रोग)
मंडूर भस्म (आ. सा. सं. - यकृत प्लीहा वृद्धि, कामला)
प्रवाल भस्म (रस तरंगिणी- शोथ, क्षयज कास)
स्वर्णमाक्षिक भस्म (रसेन्द्र सार संग्रह- पाण्डु, शोथ, प्रमेह)
ताम्र भस्म (रस तरंगिणी- जलोदर, स्थौल्य, शोथ, पाण्डु)
वज्र भस्म (रसामृत- पाण्डु, उदर रोग)
वंग भस्म (रसामृत - पाण्डु, कफ रोग)
पुनर्नवादि मंडूर ( चरक संहिता - ग्रहणी, प्लीहा, पाण्डु)

रस :-
बोलबद्ध रस (आ. सा. सं.- रक्तार्श, प्रदर, रक्तपित)
चंद्रकला रस (भै. र. - पाण्डु, रक्त प्रदर, कामला)
चिंतामणी रस (सिद्धयोग संग्रह - पाण्डु, यकृत रोग)
लोकनाथ रस ( रसेन्द्र सार संग्रह - यकृत प्लीहा रोग)
नागार्जुनाभ्र रस (रस तंत्र सार- पाण्डु, कामला, अतिसार)
त्रैलोक्य चिंतामणि रस ( भै. र. - पाण्डु, भगंदर, कुष्ठ)

लौह :-
शोथारी लौह (भै. र.- शोथ, पाण्डु, यकृत विकार)
नवायस लौह (भै. र.- पाण्डु, कृमिरोग, हॄदरोग)
ताप्यादी लौह (आ. सा. सं.- पाण्डु, कामला, यकृत प्लीहा)
यकृत प्लीहारी लौह (भै. र.- यकृत प्लीहा रोग, पाण्डु, कामला) आदि। 

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