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"Classical Index of Medicines which is used in Diseases / Conditions related to Artavavaha Strotas"

Ayurinformatics के स्त्रोतस की श्रृंखला में पूर्व के अंको में विभिन्न स्त्रोतसो से संबंधित व्याधीयों में प्रयोग किये जाने वाले योगों का वर्णन किया जा चुका है। हमारा इस बार का अंक आर्तववह स्त्रोतस से संबंधित है। आर्तववह स्त्रोतस का वर्णन आचार्य सुश्रुत ने किया है।

"आर्तववहे द्वे, तयोर्मूलं गर्भाशय आर्तववाहिन्यश्च धमन्यः।"
                                               (सु. शा. ९/२२)
मूल :-
  • गर्भाशय
  • आर्तववाहि धमनीयां
आर्तववह स्त्रोतस से संबंधित कुछ व्याधीया एवं अवस्थायें :-
  • रक्तप्रदर
  • श्वेतप्रदर 
  • अनार्तव
  • कष्टार्तव
  • गर्भावस्था
  • सूतिका अवस्था
उपरोक्त स्त्रोतस से संबंधित व्याधीयों एवं अवस्थाओं में प्रयुक्त किये जाने वाले कुछ प्रमुख ग्रन्थोक्त योग :-

आसव/ अरिष्ट :-
अशोकारिष्ट (भै. र. - प्रदर रोगाधिकार)
लोध्रासव (अ. हृ.- गर्भाशय रोग)
पत्रांगासव ( भै. र.- प्रदर रोगाधिकार)

कषाय :-
सप्तसार क्वाथ ( सिद्ध योग - रजो शूल)
मुशली खादिरादी कषाय ( सिद्ध योग - प्रदर)
घृत :-
फल घृत ( अ. हृ.- गर्भीणी रोग, योनि रोग)
फल कल्याणक घृत ( भै. र. - स्त्री रोगाधिकार)
रस :-
नष्ट पुष्पांतक रस ( भै. र.- योनि व्यापद चिकित्सा )
प्रदारांतक रस ( भै. र.- प्रदर रोगाधिकार)
प्रताप लंकेश्वर रस ( भै. र.- प्रसूति रोग)
गर्भ पाल रस (रसेन्द्र योग संग्रह - गर्भीणी रोगाधिकार)
अन्य :-
पंच जीरक गुड़ ( सिद्ध योग - सूतिका परिचर्या)
लघु पूग पाक ( योग चिंतामणि - प्रदर)
शौभाग्य शुंठी ( भै.र.- सूतिका रोगाधिकार)
स्तन्य जनन रसायन ( अ. हॄ. - स्तन्य वर्धक)
प्रदारांतक लौह ( भै. र. - स्त्री रोगाधिकार)
पुष्यानुग चूर्ण ( भै. र. - स्त्री रोगाधिकार)
पलाश क्षार ( अ. हॄ.- असृगदर, ऋतु दोष)
रजः प्रवर्तनी वटी ( भै. र.- स्त्री रोगाधिकार)
कुक्कुटाण्ड त्वक भस्म ( आ. सा. सं. - श्वेत प्रदर)
कासीस भस्म (रसामृत - कष्टार्तव)

 
हमारे स्त्रोतस की श्रंखला के अंक आपको कैसे लगे और इससे संबंधीत आपके कोई सुझाव है तो हमे  comment Section में जरूर लिखे। 

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