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"Classical Index of Medicines which is used in Diseases related to Shukravaha Strotas"


Ayurinformatics के इस बार के अंक मे शुक्रवह स्त्रोतस की व्याधीयों में प्रयुक्त किये जाने वाले योगों का संकलन किया गया है।
शुक्रवह स्त्रोतस :-
"शुक्रवहानां स्त्रोतसां वृषणौ मूलं शेफश्च ।"
                                      (च. वि. 5)

"शुक्रवहे द्वे, तयोर्मूलं स्तनौ वृषणौ च ।"
                                      (सु. शा. 9)
मूल :-
चरक :-                             
  • वृषण 
  • शेफ

सुश्रुत :-

  • स्तन
  • वृषण

शुक्रवह स्त्रोतस से संबंधित कुछ परिस्थितियां :-

  • शुक्रक्षय
  • क्लैब्य
  • शुक्र दोष आदि।
शुक्रवह स्त्रोतस से संबंधित विकृतियों में प्रयुक्त की जाने वाली कुछ प्रमुख औषधीयां :-

रसायन / वाजीकरण :-

धात्री रसायन (सिद्ध योग संग्रह - रसायन)
लघु मूशली पाक (योग चिंतामणी - वाजीकरण)
शतावर्यादि चूर्ण (योग रत्नाकर - रसायन, वाजीकरण)
नरसिंह घृत रसायन (अष्टाङ्ग हॄदय - रसायन, दौर्बल्य)
रत्नपुरुष लेह (आयुर्वेद रत्नाकर - वाजीकारक, शुक्रवर्धक)
श्रीगोपाल तैल (भै. र.- वातव्याधि, वाजीकरण)
सिद्ध मकर ध्वज (रस तरंगिणी - वाजीकरण)
मकर ध्वज (भै. र.- वाजीकरण)

घृत :-
अमृतप्राश घृत (अष्टाङ्ग हॄदय - नष्टशुक्र)
विदार्यादि घृत (अष्टाङ्ग हॄदय चिकित्सा स्थान - ३/१०)

रस / भस्म :-
माणिक्य पिष्टि (रसामृत -ओज क्षय)
माणिक्य भस्म (रस रत्न समुच्चय - नपुंसकता, धातुक्षीणता)
कामिनी विद्रावण रस (आयुर्वेद सार संग्रह - वाजीकारक, वीर्य स्तंभक)
कामचूड़ामणि रस ( सिद्ध भैषज मणि माला - वाजीकर, क्लैब्य)

मन्मथ रस (भै. र.- वाजीकरण प्रकरण)
नवजीवन रस (आयुर्वेद सार संग्रह- रसायन)
पंचबाण रस (योग रत्नाकर- क्लैब्य, शुक्रमे
पूर्ण चंद्र रस (भै. र.- वाजीकरण, स्वप्नदोष)
पुष्पधन्वा रस (भै.र.- वाजीकरण प्रकरण)
शक्र वल्लभ रस (भै. र.- वीर्य स्तंभक, वाजीकारक)


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7 Comments

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